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All Natural Care

हल्दी का प्रयोग करने से लाभ 

 

  • दाग, धब्बे व झाइंया मिटाने के लिए हल्दी बहुत फायदेमंद है। चेहरे पर दाग या झाइंया चेहरे के दाग-धब्बे और झाइयां हटाने के लिए हल्दी और काले तिल को बराबर मात्रा में पीसकर पेस्ट बनाकर चेहरे पर लगाएं।

  • हल्दी को दूध में मिलाकर इसका पेस्ट बना लीजिए। इस पेस्ट को चेहरे पर लगाने से त्वचा का रंग निखरता है और आपका चेहरा खिला-खिला दिखेगा।

  • लीवर संबंधी समस्याओं में भी इसे बहुत उपयोगी माना जाता है।

  • सर्दी-खांसी होने पर दूध में कच्ची हल्दी पाउडर डालकर पीने से जुकाम ठीक हो जाता है।

  • पेट में कीड़े होने पर 1 चम्मच हल्दी पाउडर में थोडा सा नमक मिलाकर रोज सुबह खाली पेट एक सप्ताह तक ताजा पानी के साथ लेने से कीड़े खत्म हो जाते हैं।

  • खांसी होने पर हल्दी का इस्तेमाल कीजिए। अगर खांसी आने लगे तो हल्दी की एक छोटी सी गांठ मुंह में रख कर चूसें, इससे खांसी नहीं आती।

  

  • अगर त्वचा पर अनचाहे बाल उग आए हों तो इन बालों को हटाने के लिए हल्दी पाउडर को गुनगुने नारियल तेल में मिलाकर पेस्ट बना लें। अब इस पेस्ट को हाथ-पैरों पर लगाएं। ऐसा करने से शरीर के अनचाहे बालों से निजात मिलती है। 

  • धूप में जाने के कारण त्वचा अक्सर टैन्ड हो जाती है। टैन्ड त्वचा से निजात पाने के लिए हल्दी पाउडर, बादाम चूर्ण और दही मिलाकर प्रभावित स्थान पर लगाइए। इससे त्वचा का रंग निखर जाता है और सनबर्न की वजह से काली पड़ी त्वचा भी ठीक हो जाती है। यह एक तरह से सनस्क्रीन लोशन की तरह काम करता है।

  • मुंह में छाले होने पर गुनगुने पानी में हल्दी पाउडर मिलाकर कुल्ला करें या हलका गर्म हल्दी पाउडर छालों पर लगाएं। इससे मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं।

  • चोट लगने या मोच होने पर हल्दी बहुत फायदा करती है। मांसपेशियों में खिंचाव या अंदरूनी चोट लगने पर हल्दी का लेप लगाएं या गर्म दूध में हल्दी पाउडर डालकर पीजिए।

  • हल्दी का प्रयोग करने से खून साफ होता है जिससे शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।

  • अनियमित माहवारी को नियमित करने के लिए महिलाएं हल्दी का इस्तेमाल कर सकती हैं। 

स्‍वास्‍थ्‍यवर्द्धक गुणों से भरपूर है तुलसी

सर्दी जुकाम में लाभप्रद

सर्दी जुकाम होने पर तुलसी की पत्तियों को चाय में उबालकर पीने से राहत मिलती है। तुलसी का अर्क तेज बुखार को कम करने में भी कारगर साबित होता है। करीब सभी कफ सीरप को बनाने में तुलसी का इस्तेमाल किया जाता है। तुलसी की पत्तियां कफ साफ करने में मदद करती हैं। तुलसी के कोमल पत्तों को चबाने से खांसी और नजले से राहत मिलती है।

 

गले की खराश

चाय की पत्तियों को उबालकर पीने से गले की खराश दूर हो जाती है। इस पानी को आप गरारा करने के लिए भी इस्तेमाल कर सकते हैं। बच्चों में बुखार, खांसी और उल्टी जैसी सामान्य समस्याओं में तुलसी बहुत फायदेमंद है।

 

श्वास की समस्या

श्वास संबंधी समस्याओं का उपचार करने में तुलसी खासी उपयोगी साबित होती है। शहद, अदरक और तुलसी को मिलाकर बनाया गया काढ़ा पीने से ब्रोंकाइटिस, दमा, कफ और सर्दी में राहत मिलती है। नमक, लौंग और तुलसी के पत्तों से बनाया गया काढ़ा इंफ्लुएंजा (एक तरह का बुखार) में फौरन राहत देता है।

 

गुर्दे की पथरी

तुलसी गुर्दे को मजबूत बनाती है। यदि किसी के गुर्दे में पथरी हो गई हो तो उसे शहद में मिलाकर तुलसी के अर्क का नियमित सेवन करना चाहिए। छह महीने में फर्क दिखेगा।

 

हृदय रोग

तुलसी खून में कोलेस्ट्राल के स्तर को घटाती है। ऐसे में हृदय रोगियों के लिए यह खासी कारगर साबित होती है।

 

तनाव 

तुलसी की पत्तियों में तनाव रोधीगुण भी पाए जाते हैं। हाल में हुए शोधों से पता चला है कि तुलसी तनाव से बचाती है। तनाव को खुद से दूर रखने के लिए कोई भी व्यक्ति तुलसी के 12 पत्तों का रोज दो बार सेवन कर सकता है।

 

संक्रमण और त्वचा रोग

अल्सर और मुंह के अन्य संक्रमण में तुलसी की पत्तियां फायदेमंद साबित होती हैं। रोजाना तुलसी की कुछ पत्तियों को चबाने से मुंह का संक्रमण दूर हो जाता है। दाद, खुजली और त्वचा की अन्य समस्याओं में तुलसी के अर्क को प्रभावित जगह पर लगाने से कुछ ही दिनों में रोग दूर हो जाता है। नैचुरोपैथों द्वारा  ल्यूकोडर्मा का इलाज करने में तुलसी के पत्तों को सफलता पूर्वक इस्तेमाल किया गया है।

 

सांसों की दुर्गध

तुलसी की सूखी पत्तियों को सरसों के तेल में मिलाकर दांत साफ करने से सांसों की दुर्गध चली जाती है। पायरिया जैसी समस्या में भी यह खासा कारगर साबित होती है। सिर के दर्द में तुलसी एक बढि़या दवा के तौर पर काम करती है। तुलसी का काढ़ा पीने से सिर के दर्द में आराम मिलता है। आंखों की जलन में तुलसी का अर्क बहुत कारगर साबित होता है। रात में रोजाना श्यामा तुलसी के अर्क को दो बूंद आंखों में डालना चाहिए।

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